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भारतीय संविधान का ‘अनुच्छेद 19’: “अभिव्यक्ति और स्वतंत्रता का अधिकार”

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 नागरिकों को अभिव्यक्ति, सभा, संगठन, निवास और व्यापार की स्वतंत्रता देता है। जानें Article 19 of Indian Constitution के मौलिक अधिकार, महत्व और उस पर लगे प्रतिबंधों की पूरी जानकारी ……!

अनुच्छेद 19 क्या है?

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 19 (Article 19 of Indian Constitution) नागरिकों को मौलिक अधिकारों का एक महत्वपूर्ण समूह प्रदान करता है। यह अधिकार व्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव है। अनुच्छेद 19(1) में छह प्रकार की स्वतंत्रताओं का उल्लेख किया गया है – विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा करने का अधिकार, संगठन या यूनियन बनाने का अधिकार, पूरे भारत में कहीं भी घूमने का अधिकार, किसी भी स्थान पर बसने का अधिकार और कोई भी पेशा या व्यापार करने का अधिकार। ये अधिकार नागरिकों को स्वतंत्र और सशक्त बनाते हैं, जिससे वे लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी कर सकें।

अनुच्छेद 19 के मौलिक अधिकारों का महत्व

अनुच्छेद 19 को अक्सर लोकतंत्र की आत्मा कहा जाता है क्योंकि यह नागरिकों को सरकार और समाज के बीच अपनी बात रखने की शक्ति देता है। Freedom of Speech and Expression नागरिकों को अपनी राय खुलकर व्यक्त करने का अधिकार देता है। इसी तरह Freedom to Assemble Peacefully लोगों को शांति से प्रदर्शन करने और अपनी मांगें रखने की छूट देता है। Freedom of Association लोगों को संगठन बनाने और मिलकर कार्य करने की अनुमति देता है। ये सभी अधिकार एक लोकतांत्रिक राष्ट्र की प्रगति के लिए आवश्यक हैं। यदि किसी नागरिक को ये अधिकार न मिलें तो लोकतंत्र का मूल आधार ही कमजोर हो जाएगा।

अनुच्छेद 19 पर लगाए गए प्रतिबंध

हालांकि Fundamental Rights under Article 19 नागरिकों को व्यापक स्वतंत्रताएँ देते हैं, लेकिन यह अधिकार पूर्ण (Absolute) नहीं हैं। सरकार इन पर उचित प्रतिबंध (Reasonable Restrictions) लगा सकती है। जैसे कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है यदि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता या किसी अन्य व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता हो। इसी तरह किसी भी प्रकार की सभा या संगठन को भी रोका जा सकता है यदि उससे देश की एकता और अखंडता पर खतरा हो। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता समाज और राष्ट्र के हितों से टकराए नहीं।

अनुच्छेद 19 का आज के भारत में महत्व

आज के डिजिटल युग में Article 19 of Indian Constitution और भी प्रासंगिक हो गया है। सोशल मीडिया, इंटरनेट और ग्लोबल कनेक्टिविटी ने नागरिकों को अपनी राय रखने का नया मंच दिया है। लेकिन साथ ही फेक न्यूज़, नफरत फैलाने वाले संदेश और साइबर अपराध जैसी चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। ऐसे में अनुच्छेद 19 नागरिकों को स्वतंत्रता तो देता है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी जोड़ता है। यह अधिकार हमें सिखाता है कि स्वतंत्रता और जिम्मेदारी (Freedom with Responsibility) साथ-साथ चलनी चाहिए। यदि नागरिक इन अधिकारों का सही प्रयोग करेंगे, तो भारत का लोकतंत्र और भी मजबूत और पारदर्शी बनेगा।

Writer – Sita Sahay

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