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अमेरिका-चीन में फिर भड़का व्यापार युद्ध: ट्रंप ने लगाया 100% टैरिफ, वैश्विक बाजारों में मचा हड़कंप

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध ने एक बार फिर वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाकर आर्थिक मोर्चे पर नया तूफ़ान खड़ा कर दिया है। इस कदम से शेयर, तेल और मुद्रा बाजार में गिरावट देखने को मिली है, जबकि अमेरिका “स्वदेशी उत्पादन” को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। चीन ने इसे आर्थिक दबाव की राजनीति बताया है और प्रतिशोधी कदमों की चेतावनी दी है। भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए यह नया अवसर भी हो सकता है। जानिए इस व्यापार युद्ध के वैश्विक असर, ट्रंप की रणनीति और संभावित आर्थिक परिणामों का विस्तृत विश्लेषण।
पढ़ें पूरी रिपोर्ट: अमेरिका बनाम चीन – 100% टैरिफ का झटका और विश्व अर्थव्यवस्था पर असर।

दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच नया टकराव

अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर से ट्रेड वॉर (Trade War) की जंग छिड़ गई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और वर्तमान रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर 100% तक का आयात शुल्क (Tariff) लगाने की घोषणा की है। इस फैसले से न केवल चीन, बल्कि पूरे वैश्विक बाजार (Global Market) में हलचल मच गई है। यह कदम अमेरिकी चुनावी रणनीति के तहत उठाया गया माना जा रहा है, लेकिन इसके आर्थिक परिणाम बेहद व्यापक हो सकते हैं।

ट्रंप प्रशासन का दावा है कि चीन लंबे समय से “अनुचित व्यापार नीतियों” (Unfair Trade Practices) और “बौद्धिक संपदा की चोरी” (Intellectual Property Theft) में लिप्त रहा है। अमेरिका का कहना है कि यह टैरिफ चीनी अर्थव्यवस्था को झटका देगा और अमेरिकी उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में राहत मिलेगी।

ट्रंप का फैसला: 100% टैरिफ लगाने के पीछे की वजह

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि “अमेरिका अब किसी का आर्थिक गुलाम नहीं रहेगा।” उनका आरोप है कि चीन लगातार अमेरिकी बाजार में सस्ते उत्पादों की बाढ़ ला रहा है, जिससे अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, स्टील, सोलर पैनल, और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

ट्रंप के अनुसार, यह कदम अमेरिकी कंपनियों को स्थानीय उत्पादन (Domestic Manufacturing) बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद करेगा। वहीं, चीन ने इस फैसले को “आर्थिक दबाव की राजनीति” बताया है और कहा है कि वह भी प्रतिशोधी टैरिफ (Retaliatory Tariffs) लगाने पर विचार करेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप की यह नीति 2024 के चुनावों से पहले अमेरिकी मजदूर वर्ग को आकर्षित करने का प्रयास है। “अमेरिका फर्स्ट” के नारे के तहत ट्रंप यह दिखाना चाहते हैं कि वह अमेरिकी नौकरियों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने को तैयार हैं।

📉 वैश्विक बाजारों पर असर: शेयर, तेल और मुद्रा बाजार में हलचल

ट्रंप के 100% टैरिफ की घोषणा के बाद एशियाई और यूरोपीय बाजारों में गिरावट देखने को मिली। शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 2.3% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में शुरुआती ट्रेडिंग में ही 1.5% की गिरावट आई।

🌐 मुख्य प्रभाव इस प्रकार हैं:

📉 शेयर बाजार: निवेशकों में अनिश्चितता के कारण वैश्विक स्टॉक मार्केट में भारी बिकवाली देखी गई।

🛢️ तेल बाजार: मांग घटने की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई।

💱 मुद्रा बाजार: डॉलर मजबूत हुआ जबकि युआन और अन्य एशियाई मुद्राओं में कमजोरी देखी गई।

🏭 सप्लाई चेन पर असर: टैरिफ बढ़ने से कई अमेरिकी कंपनियों को चीनी पुर्ज़ों की कीमत में बढ़ोतरी झेलनी पड़ेगी, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर की लागत बढ़ेगी।

भारत जैसे उभरते बाजारों (Emerging Markets) के लिए यह अवसर भी बन सकता है। अगर अमेरिकी कंपनियाँ चीन के बजाय भारत या वियतनाम से आयात बढ़ाती हैं, तो मेक इन इंडिया को बड़ा लाभ मिल सकता है।

🔮 निष्कर्ष: व्यापार युद्ध का बढ़ना दुनिया के लिए चिंता का विषय

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह टकराव और गहराता है तो वैश्विक जीडीपी (Global GDP) में 0.5% तक की गिरावट आ सकती है। यह मंदी की ओर बढ़ते कदम का संकेत है।

ट्रंप का यह फैसला निश्चित रूप से अमेरिका में “स्वदेशी उत्पादन” को प्रोत्साहन देगा, लेकिन इससे उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। वहीं चीन के लिए भी यह चुनौतीपूर्ण समय है क्योंकि उसकी एक्सपोर्ट-ड्रिवन इकॉनमी पर गहरा असर पड़ेगा।

आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन किस प्रकार जवाब देता है और क्या विश्व व्यापार संगठन (WTO) इसमें मध्यस्थता कर पाएगा। लेकिन इतना तय है कि यह नया व्यापार युद्ध (New Trade War 2025) आने वाले सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा तय करेगा।

Writer – Sita Sahay

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