“Trump ने क्यों कहा- रूस से तेल खरीदना बंद करो? जानिए असली वजह”
“रूस की अर्थव्यवस्था और तेल पर निर्भरता“
रूस की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार उसका तेल और गैस उद्योग है। यह देश दुनिया के प्रमुख ऊर्जा निर्यातकों में से एक है और उसकी विदेशी मुद्रा आय का अधिकांश हिस्सा इसी से आता है। यही कारण है कि रूस के पास युद्ध चलाने के लिए पर्याप्त संसाधन बने रहते हैं। ट्रम्प का मानना है कि अगर पूरी दुनिया रूस से तेल खरीदना बंद कर देगी, तो उसकी आर्थिक रीढ़ (Economic Backbone) कमजोर हो जाएगी और मास्को की सैन्य शक्ति सीमित हो जाएगी। यही सोच Trump Russia Oil Ban Policy को वैश्विक चर्चा में लाती है।

“Trump क्यों चाहते हैं कि India Russia से Oil न खरीदे?“
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से वैश्विक ऊर्जा राजनीति (Global Energy Politics) में बड़े बदलाव आए हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump लगातार यह कहते आए हैं कि दुनिया को Russia से Oil Import बंद कर देना चाहिए। उनका मानना है कि रूस की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार उसका तेल और गैस उद्योग (Oil & Gas Industry) है। अगर भारत जैसे बड़े देश रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखते हैं, तो इससे मॉस्को को युद्ध चलाने के लिए लगातार फंड मिलता रहेगा।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और उसकी ऊर्जा ज़रूरतें बहुत अधिक हैं। रूस से सस्ता तेल खरीदने से भारत को आर्थिक राहत जरूर मिलती है, लेकिन ट्रम्प का तर्क है कि इससे Russia-Ukraine War लंबा खिंच सकता है। ट्रम्प चाहते हैं कि भारत अमेरिका, मिडिल ईस्ट और अन्य देशों से वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत अपनाए, ताकि रूस की Economic Backbone कमजोर हो और वह शांति वार्ता के लिए मजबूर हो।

“यूक्रेन युद्ध को रोकने की रणनीति“
2022 से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध के लिए रूस को रोज़ाना अरबों डॉलर की ज़रूरत होती है। ट्रम्प का कहना है कि केवल सैन्य मोर्चे से युद्ध खत्म नहीं होगा, बल्कि रूस की आमदनी रोकना ही असली रणनीति है। Economic Sanctions और Oil Import Ban रूस को मजबूर कर सकते हैं कि वह शांति वार्ता की मेज़ पर आए। यह नीति ट्रम्प की “आर्थिक दबाव की कूटनीति” कहलाती है, जो बिना युद्ध लड़े दुश्मन को कमजोर करने का तरीका है।
“यूरोप और अमेरिका की ऊर्जा चुनौती“
यूरोपीय देश लंबे समय तक रूसी तेल और गैस पर निर्भर रहे हैं। अचानक इस आपूर्ति को रोकना ऊर्जा संकट और तेल की कीमतों में उछाल पैदा कर सकता है। ट्रम्प का सुझाव है कि अमेरिका और यूरोप को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत अपनाने होंगे — जैसे Middle-East Imports, US Domestic Production और Renewable Energy। इससे रूस पर दबाव बढ़ेगा और पश्चिमी देशों को दीर्घकालिक Energy Security भी मिलेगी।

“पश्चिमी देश और अन्य देशों की भूमिका“
यदि पश्चिमी देश तो रूस से तेल लेना बंद कर दें, लेकिन चीन और भारत जैसे बड़े देश रूस से सस्ता तेल खरीदते रहें, तो यह रणनीति अधूरी रह जाएगी। ट्रम्प का मानना है कि चीन जैसे देशों पर Tariffs, Trade Restrictions और Secondary Sanctions लगाए जाने चाहिए। इससे रूस का वैश्विक मार्केट सिकुड़ेगा और उसकी आय पर गहरा असर पड़ेगा। यही कारण है कि Global Oil Politics में एशियाई देशों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
“निष्कर्ष: वैश्विक राजनीति और आर्थिक दबाव“
ट्रम्प का संदेश स्पष्ट है — “Don’t Buy Oil from Russia”। इसका मकसद रूस की आय काटकर यूक्रेन युद्ध को रोकना है। हालाँकि, यह रणनीति तभी सफल होगी जब पूरी दुनिया एकजुट होकर वैकल्पिक ऊर्जा आपूर्ति और नीतिगत सहयोग पर काम करे। अगर यह नीति सफल होती है, तो वैश्विक ऊर्जा राजनीति और Russia-Ukraine War दोनों पर बड़ा असर पड़ेगा।
Writer – Sita Sahay











