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कांग्रेस मीठा जहर है

बाबा साहेब अंबेड़कर ने हमेशा महिलाओं को शिक्षा देने पर जोर दिया। उन्होंने समाज में हर वर्ग के लिए समानता, शिक्षा, अधिकार और सम्मान देने की बात कही और उसके लिए सदैव काम किया। उन्होंने पिछड़े और मजदूर वर्ग के अधिकारों के लिए कठिन संघर्ष किया। बाबा साहब अंबेड़कर युग पुरुष थे, हैं और रहेंगे लेकिन कांग्रेस पार्टी ने हमेशा उन्हें दलित नेता कहकर एक दायरे में समेटने की कोशिश की। कांग्रेस की ये कोशिश रही कि उनका कद नेहरू-गांधी परिवार के समकक्ष भी खड़ा नहीं हो पाए। कांग्रेस ने बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं दिया ?  

कांग्रेस ने बाबा साहेब की विद्वता और अस्मिता को हमेशा नीचा दिखाने का काम किया पंडित नेहरू तो विशेष तौर पर डॉ आंबेडकर को अपना प्रतिद्वंद्वी मानते थे। यही कारण था कांग्रेस ने बाबा साहेब के देहांत के बाद भी कोई राष्ट्रीय स्मारक नहीं बनाया। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि बाबा साहब अंबेड़कर दलितों के नेतृत्वकर्ता के तौर पर प्रचारित हो। यही कारण था कि कांग्रेस ने उन्हें दो बार लोकसभा चुनावों में हरवाने की साजिश रची थी। 1952 में हुए पहले आम चुनाव में उत्तरी मुंबई से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।  कांग्रेस का दलित विरोधी चरित्र हमेशा उजागर होता रहा है विशेषकर बाबा साहेब का अपमान करने को लेकर कांग्रेस पार्टी कुछ अधिक ही उत्सुक रहती थी संविधान निर्माता की कोई तस्वीर संसद के केंद्रीय कक्ष में नहीं थी कांग्रेस ने दीवार पर जगह नहीं होने का हवाला देकर मांग को हमेशा खारिज किया।

बहुजन समाज, बहुजन महापुरुषों के आदर्श व विचारों पर चलता है जिसमें की सबसे पहले बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के विचारों को अग्रेषित किया जाता है बाबा साहब ने ही कहा था कांग्रेस शोषित पिछड़े गरीब दलित मजदूरों के के लिए हितैषि होना बस एक दिखावा ( वोट के लिए) मात्र है और मान्यवर कांशीराम साहब ने कहा था कांग्रेस व भाजपा दोनों ही बहुजन समाज के लिए एक #सांपनाथ तो दूसरा #नागनाथ की तरह है यह बहुजन समाज के लिए कुछ भी अच्छा नहीं सोच सकते तो हमें याद रखना होगा कि हमारे महापुरुषों को सम्मान न देने तक के लिए कांग्रेस ने क्या कोई कसर नहीं छोड़ी ।

सन 2014 के बाद से कांग्रेस लगभग पूर्णतः देश से खत्म होने के कगार पर आ गई तब धीरे-धीरे कांग्रेस ने बाबा साहब का नाम लेकर बहुजन समाज को गुमराह करना  शुरू किया और जिसने की कुछ चाटुकार गुलाम प्रवृत्ति के लोगों ने चंद पैसों व सुविधा मात्र की खातिर अपना जमीर बेच  और समाज को गुमराह करके कांग्रेस को फायदा पहुंचाया है । उन्हें कतई नहीं भूलना चाहिए कि हमारे महापुरूषों का अपमान इस कांग्रेस की वजह से हुआ अन्यथा बाबा साहब इतने काबिल थे कि देश के पहले कानून मंत्री नहीं बल्कि देश के पहले प्रधानमंत्री होते कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब को हाशिए पर रखा सोचो अगर बाबासाहेब देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो क्या होता ।

कांग्रेस की ही बदौलत है कि आजादी के लगभग 75 साल होने के बावजूद भी दलितों की स्थिति जस की तस बनी हुई है अगर कांग्रेस चाहती तो शिक्षा का स्तर चिकित्सा व रोजगार का स्तर बेहतर हो सकता था लेकिन यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं यही कारण है कि मुस्लिम समाज भी इतने समय बाद अपनी उसी स्थिति में बना हुआ है अगर कांग्रेस चाहती तो इन सभी को सशक्त बना सकती थी । कांग्रेस ने हमेशा सिर्फ बहुजन समाज का गलत इस्तेमाल किया है उनकी शक्ति का दुरुपयोग किया है।  हमें यह याद रखना चाहिए कि “कांग्रेस मीठा जहर है” ।

Writer – Somvir Singh

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