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“भारत की शान में: ट्रंप टैरिफ विवाद पर पुतिन ने दोहराई मोदी की मन की बात”

ट्रंप टैरिफ विवाद पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत का मजबूती से समर्थन किया। जानिए कैसे मोदी की नीति पर पुतिन की मोहर ने वैश्विक स्तर पर भारत के कड़े रुख को दुनिया तक पहुँचाया।

“मोदी की नीति पर पुतिन की मोहर: ट्रंप टैरिफ विवाद में भारत का कड़ा रुख”

भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक दबाव

“भारत झुकेगा नहीं” यह वाक्य आज की भारतीय विदेश नीति और आर्थिक रणनीति का सबसे मजबूत संदेश है। जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ (शुल्क) बढ़ाने की बात कही, तो वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई। अमेरिका लंबे समय से भारत को अपने आर्थिक हितों के अनुरूप झुकाने की कोशिश करता रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” के जरिए यही साबित करती हैं कि भारत अब किसी भी दबाव में आने वाला नहीं। यह संदेश न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्पष्ट है कि भारत अपने आर्थिक हितों की रक्षा करना जानता है।

पुतिन का बयान: मोदी के मन की बात

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सार्वजनिक रूप से ट्रंप टैरिफ विवाद पर भारत का समर्थन किया। पुतिन ने साफ कहा कि “भारत जैसे बड़े राष्ट्र को दबाव में लाना असंभव है।” यह बयान केवल कूटनीतिक समर्थन नहीं था बल्कि यह उस विचारधारा की पुष्टि थी जिसे प्रधानमंत्री मोदी लगातार दोहराते रहे हैं – भारत किसी के आगे झुकेगा नहीं। पुतिन का यह कथन सीधे-सीधे मोदी के मन की बात जैसा प्रतीत हुआ। भारत-रूस संबंध दशकों से भरोसे और रणनीतिक सहयोग पर आधारित रहे हैं। चाहे रक्षा सौदे हों, ऊर्जा क्षेत्र हो या अंतरिक्ष मिशन, रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है। इस बार भी पुतिन ने दिखा दिया कि जब अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश दबाव बनाने की कोशिश करते हैं, तब रूस भारत के साथ खड़ा है।

ट्रंप टैरिफ और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती

ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले को एकतरफा दबाव की नीति कहा जा सकता है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था अब इतनी मजबूत हो चुकी है कि ऐसे कदमों से बड़ा फर्क नहीं पड़ता। भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंचने की दिशा में बढ़ रहा है। आईटी सेक्टर, स्टार्टअप्स, फार्मा और रक्षा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर है। यही कारण है कि टैरिफ जैसी चुनौतियां भारत की गति को रोक नहीं सकतीं। SEO की दृष्टि से कहा जाए तो “भारत की आर्थिक मजबूती”, “आत्मनिर्भर भारत”, “वैश्विक व्यापार”, और “ट्रंप टैरिफ विवाद” जैसे कीवर्ड स्पष्ट रूप से भारत के रुख को दर्शाते हैं।

भविष्य की राह: भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता

ट्रंप टैरिफ विवाद और पुतिन का बयान इस बात के संकेत हैं कि आने वाले समय में भारत वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाएगा। मोदी सरकार का “मेक इन इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” जैसे कार्यक्रम भारत को आर्थिक रूप से और ज्यादा सक्षम बना रहे हैं। वहीं, विदेश नीति में “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और “नेबरहुड फर्स्ट” के जरिए भारत अपने पड़ोसियों और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत स्थिति बना रहा है। जब रूस जैसे वैश्विक शक्ति केंद्र भारत का समर्थन करते हैं, तो यह संदेश साफ है कि भारत अब सिर्फ क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है।

निष्कर्ष: “भारत झुकेगा नहीं” केवल एक नारा नहीं, बल्कि भारत की नई पहचान है। ट्रंप टैरिफ पर पुतिन का बयान प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात को वैश्विक स्तर पर गूंज बनाकर सामने लाता है। आज भारत आत्मनिर्भरता, साहस और कूटनीतिक कौशल के जरिए पूरी दुनिया को दिखा रहा है कि वह किसी भी दबाव में झुकने वाला नहीं है।

Writer – Sita Sahay

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