भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी विश्व चैंपियन टीम को 339 रनों के लक्ष्य का पीछा कर हराकर इतिहास रच दिया। जेमिमा रॉड्रिग्स और हरमनप्रीत कौर की शानदार बल्लेबाज़ी ने भारत को वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में पहुंचाया। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं बल्कि देश के लिए गर्व का पल है। जानिए टीम इंडिया की रणनीति, प्लानिंग, जुनून और वर्ल्ड कप जीत की तैयारी इस खास रिपोर्ट में।
जब भारत की बेटियाँ मैदान में उतरीं, तो सबको लगा कि 339 रनों का पीछा करना असंभव है… लेकिन ये वही लड़कियाँ हैं जिन्होंने “असंभव” को “मैं कर सकती हूँ” में बदल दिया। पिछले वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर हमारी टीम ने जो इतिहास रचा, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा। यह सिर्फ एक जीत नहीं, एक संदेश है – कि अब महिला क्रिकेट का युग भारत के नाम है!

टीम प्लानिंग और सेलेक्शन: जीत का असली ब्लूप्रिंट
हर बड़ी जीत के पीछे सोच होती है — और इस बार टीम इंडिया की सोच ने खेल पलट दिया।
सेमीफाइनल से पहले टीम के अंदर हर खिलाड़ी का रोल बारीकी से तय किया गया था। कोच और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच से पहले एक ही बात कही — “हम डरेंगे नहीं, हम खेलेंगे अपने दम पर।”
टीम की सिलेक्शन भी कमाल की रही — टॉप ऑर्डर में स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा को पावर प्ले का फायदा उठाने की जिम्मेदारी मिली। मिड ऑर्डर में जेमिमा रॉड्रिग्स को एंकर का रोल दिया गया। और गेंदबाजी यूनिट को सख्त निर्देश थे — “हर ओवर में जज़्बा दिखाओ!” भारत ने मैच के हर पल को प्लान A से लेकर प्लान C तक एक्सिक्यूट किया। यही रणनीति थी जिसने 339 जैसे असंभव लक्ष्य को भी आसान बना दिया।
बल्लेबाज़ी और माइंडसेट: जब जेमिमा और हरमनप्रीत ने लिखा इतिहास
जब सामने 339 का पहाड़ था, तो दिल धड़क रहे थे — लेकिन भारतीय बल्लेबाजों का आत्मविश्वास लाजवाब था।
स्मृति मंधाना ने शुरुआत में शानदार स्ट्रोक खेलकर टीम को स्थिरता दी, और फिर जेमिमा रॉड्रिग्स ने तूफान मचा दिया — 127 रन नाबाद 🔥उनके हर चौके-छक्के पर मैदान गूंज उठा — “भारत माता की जय!”
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 89 रनों की झकझोर देने वाली पारी खेली। जब जरूरत थी तब उन्होंने “कप्तानी वाली बल्लेबाज़ी” की।
टीम का माइंडसेट साफ था — “हार मानने का सवाल ही नहीं!” हर रन में जूनून था, हर स्ट्रोक में गर्व। और जब आखिरी बाउंड्री लगी तो पूरा स्टेडियम खड़ा होकर तालियां बजा रहा था — वो सिर्फ जीत नहीं, इमोशन का विस्फोट था।

देश के लिए जुनून: बेटियों ने दिखाया असली जज़्बा
यह जीत सिर्फ मैदान पर नहीं, हर भारतीय के दिल में जीती गई। जब देश का नाम जर्सी पर लिखा हो, तो हर खिलाड़ी के अंदर बिजली दौड़ जाती है। यह वही जुनून था जिसने असंभव को संभव किया। मैच के दौरान हर कैच, हर चौका, हर रन के साथ “भारत-भारत” की गूंज उठ रही थी। टीम इंडिया की ये बेटियाँ बता रही थीं — 👉 “हम सिर्फ खेल नहीं रही हैं, हम देश का मान बढ़ा रही हैं!”
ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को हराना आसान नहीं था। लेकिन भारत की इन शेरनियों ने साबित कर दिया कि अगर दिल में देश के लिए आग हो, तो दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। आज इन बेटियों ने हर भारतीय को सिर ऊँचा करने का मौका दिया है।
वास्तविक आँकड़े और फाइनल की तैयारी: अब बस वर्ल्ड कप बाकी!
आँकड़े बताते हैं कि यह सिर्फ जीत नहीं, रिकॉर्ड-ब्रेकिंग विजय थी:
ऑस्ट्रेलिया ने बनाए: 338 रन (49.5 ओवर)
भारत ने जवाब में बनाए: 341/5 (48.3 ओवर)
इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज़ (Women’s World Cup Knockout Match)!

अब नज़रें फाइनल पर हैं —
टीम का एजेंडा साफ है:
1️⃣ फोकस और फिटनेस पर जोर
2️⃣ मिड ओवर्स में गेंदबाजी को धार देना
3️⃣ फील्डिंग में गलती की कोई गुंजाइश नहीं
4️⃣ साझेदारी का मंत्र — “दो खिलाड़ी, एक लक्ष्य – जीत!”
टीम का आत्मविश्वास आसमान पर है। फाइनल की तैयारी जोरों पर है और पूरा देश कह रहा है —👉 “अब की बार, वर्ल्ड कप हमारा!”
वर्ल्ड कप जीत की अग्रिम बधाई! 🎉
इस जीत ने बता दिया कि भारत की बेटियाँ सिर्फ क्रिकेट नहीं खेलतीं, वो इतिहास लिखती हैं।
अब पूरा देश इन शेरनियों के साथ खड़ा है — “आगे बढ़ो बेटियों, वर्ल्ड कप अब दूर नहीं!”
Writer – Sita Sahay











