Home / Sports / पाक बना रहा सैन्य ढांचा :सर क्रीक विवाद पर, “भारत की पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी”

पाक बना रहा सैन्य ढांचा :सर क्रीक विवाद पर, “भारत की पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी”

भारत ने पाकिस्तान को सर क्रीक विवाद (Sir Creek Dispute) पर आक्रामक रुख से बाज आने की सख्त चेतावनी दी है। जानें सर क्रीक का सामरिक महत्व, भारत का कड़ा रुख और समाधान का रास्ता।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर गर्व

रक्षा मंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों की हालिया उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ में भारतीय सेना ने सभी सैन्य उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया। उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य लक्ष्यों को पूरा किया। हालांकि, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी जारी है।

भारत की पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी: सर क्रीक विवाद पर आक्रामक रुख से बाज आए

भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक (Sir Creek) विवाद दशकों पुराना है, लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के आक्रामक रुख को देखते हुए भारत ने कड़ा संदेश दिया है। भारत ने साफ कर दिया है कि सर क्रीक जैसे संवेदनशील सीमा विवाद पर किसी भी तरह की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह चेतावनी न केवल पाकिस्तान के लिए गंभीर है बल्कि यह पूरे क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन (Regional Security Balance) का संकेत भी देती है। सर क्रीक, जो गुजरात और सिंध के बीच स्थित है, सामरिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद अहम क्षेत्र है। इस विवाद को लेकर दोनों देशों में कई बार तनाव बढ़ चुका है। भारत का यह कड़ा रुख पाकिस्तान को यह बताने के लिए है कि वह किसी भी प्रकार की सीमा उल्लंघन या एकतरफा कार्रवाई का कठोर जवाब देगा।

सर क्रीक विवाद की पृष्ठभूमि और महत्व

सर क्रीक विवाद की जड़ें ब्रिटिश शासन काल तक जाती हैं। 1965 और 1971 के युद्धों के बाद भी यह मुद्दा अनसुलझा रहा। सर क्रीक करीब 96 किलोमीटर लंबी एक खाड़ी है जो अरब सागर से जुड़ती है। यहां का महत्व सिर्फ भौगोलिक ही नहीं बल्कि सामरिक (Strategic Importance) और आर्थिक (Economic Benefits) भी है। इस क्षेत्र में समुद्री संसाधन, मछली पालन, और तेल-गैस की संभावनाएं छिपी हुई हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र को लेकर अक्सर आक्रामकता दिखाता रहा है।

भारत का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और समझौतों के अनुसार सर क्रीक की रेखा भारत के अधिकार क्षेत्र में आती है। पाकिस्तान की कोशिश रही है कि सीमा रेखा को अपने पक्ष में मोड़ा जाए ताकि उसे अधिक समुद्री क्षेत्र मिल सके। यह क्षेत्र भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल (Indian Navy & Coast Guard) के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से गुजरने वाले समुद्री मार्ग व्यापार और सुरक्षा दोनों दृष्टिकोण से अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि भारत पाकिस्तान के किसी भी आक्रामक रवैये को हल्के में नहीं ले सकता।

भारत का कड़ा रुख और रणनीतिक संदेश

हाल ही में भारत ने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी है कि सर क्रीक विवाद पर आक्रामक रुख अपनाना उसके लिए घातक साबित हो सकता है। भारत ने साफ कहा है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान करना चाहिए और किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्रालय और रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का उद्देश्य भारत पर दबाव बनाना और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर खुद को पीड़ित के रूप में पेश करना है।

भारत का यह संदेश सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं है बल्कि यह दुनिया को यह दिखाने के लिए भी है कि भारत अपनी संप्रभुता (Sovereignty) और क्षेत्रीय अखंडता (Territorial Integrity) से कोई समझौता नहीं करेगा। भारतीय नौसेना ने भी हाल के वर्षों में अपनी गतिविधियां सर क्रीक क्षेत्र में तेज कर दी हैं। लगातार गश्त, आधुनिक तकनीक और निगरानी उपकरणों के जरिए भारत ने इस क्षेत्र को सुरक्षित रखने का मजबूत इंतजाम किया है। इससे साफ है कि भारत ने पाकिस्तान को यह संदेश दिया है कि यदि उसने आक्रामकता दिखाई तो उसका जवाब भी उतनी ही सख्ती से दिया जाएगा।

निष्कर्ष: संवाद ही है समाधान, लेकिन चेतावनी जरूरी

भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक विवाद को हल करने के लिए अब तक कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन हर बार पाकिस्तान के रवैये के कारण यह मुद्दा अधर में लटकता रहा। भारत हमेशा से बातचीत और शांति (Peace Talks) का पक्षधर रहा है, लेकिन जब मामला सुरक्षा और संप्रभुता का हो तो कोई भी देश नरमी नहीं दिखा सकता। पाकिस्तान के आक्रामक रवैये को देखते हुए भारत की यह बड़ी चेतावनी पूरी तरह सही और समयानुकूल है।

सर क्रीक विवाद का स्थायी समाधान तभी संभव है जब पाकिस्तान अपने पुराने रवैये को छोड़कर वास्तविकता को स्वीकार करे। भारत ने बार-बार यह संकेत दिया है कि वह बातचीत से पीछे नहीं हटेगा, लेकिन उसकी सुरक्षा और सीमाओं से समझौता भी नहीं करेगा। यह स्पष्ट संदेश पाकिस्तान को भी समझना चाहिए कि सर क्रीक केवल भौगोलिक क्षेत्र नहीं बल्कि भारत की संप्रभुता, सामरिक मजबूती और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। यदि पाकिस्तान शांति चाहता है तो उसे आक्रामकता छोड़कर वार्ता के रास्ते पर आना होगा।

Writer – Sita Sahay

Tagged:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *