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बाढ़ पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान (207 मीटर तक पहुंच गया ) से ऊपर है हालांकि इसमें कमी आ रही है। फिर भी 8-10 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं शिविरों में मूलभूत सुविधाओं की चुनौती बनी हुई है। जलस्तर कम होने से कुछ इलाकों में राहत की उम्मीद है लेकिन खादर क्षेत्र में अभी भी जलभराव है और बिजली आपूर्ति बाधित होने से परेशानी बनी हुई है। 

हालांकि यमुना के उफान में लगातार कमी आ रही है। अब जलस्तर 207 मीटर से नीचे आ गया है, लेकिन अभी भी यह खतरे के निशान (205.33) मीटर से काफी ऊपर है। सोमवार सुबह तक इसमें और कमी आने की उम्मीद है। नदी में पानी जरूर कम हुआ है, परंतु दिल्लीवासियों की चुनौती कम नहीं हुई है। अभी भी 10 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इन राहत शिविरों में साफ सफाई, पेजयल, भोजन, दवा, शौचालय आदि उपलब्ध कराने की चुनौती है। यदि पहाड़ों पर मौसम खराब हुआ तो फिर से नदी का जलस्तर बढ़ने का खतरा है। लोहा पुल बंद रहने से रेल यात्रियों की परेशानी बनी हुई है।

DDA – ने लोगों को दी सलाहइस बीच, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

नोएडा में भी यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद क्षेत्र में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं। सेक्टर 125 से सेक्टर 151 तक के कई क्षेत्रों में पानी भर गया है। बाढ़ का पानी आने से फसलें बर्बाद हो गई हैं। स्थानीय बाढ़ पीड़ितों, किसानों को बाढ़ के पानी भर जाने से उनकी आजीविका पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं नदी में पानी जरूर कम हुआ है, परंतु नोएडावासियों की चुनौती कम नहीं हुई है। सेक्टर 125 से सेक्टर 151 तक पानी के भरने के बाद क्षेत्र में रहने वाले करीब 800 से 900 लोग प्रभावित हुए हैं। हालात यह हैं कि प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई मदद नहीं की गई है।

Writer – Sita Sahay

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