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दिल्ली CM रेखा गुप्ता का बड़ा बयान: कांग्रेस पर “EVM हैकिंग” का आरोप, खुद भी स्वीकार की चुनावी हेराफेरी!

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजनीति में भूचाल ला देने वाला बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि “सत्तर सालों से कांग्रेस EVM हैक करके चुनाव जीतती रही, तब किसी ने सवाल नहीं उठाया। लेकिन जब हमने किया तो सबको बुरा लग गया।”

भारतीय राजनीति (Indian Politics) में EVM हैकिंग विवाद (EVM Hacking Controversy) हमेशा से सुर्खियों में रहा है। लेकिन इस बार मामला और गंभीर तब हो गया जब दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Delhi CM Rekha Gupta) ने एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने सीधे-सीधे कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि “सत्तर सालों से कांग्रेस EVM हैक करके चुनाव जीतती रही है, तब किसी ने सवाल नहीं उठाया। लेकिन जब हमने किया तो सबको बुरा लग गया।”यह बयान न सिर्फ़ मीडिया में तहलका मचा रहा है बल्कि सोशल मीडिया पर भी भारी चर्चा का विषय बना हुआ है। खासकर NDTV द्वारा (नई दिल्ली, 20 सितम्बर 2025 ) –इस बयान की क्लिप दिखाए जाने के बाद यह मुद्दा और ज्यादा गंभीर हो गया है।

EVM हैकिंग विवाद: लोकतंत्र पर उठ रहे सवाल

भारत में Electronic Voting Machine (EVM) को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। कई राजनीतिक दलों ने अलग-अलग समय पर इस पर संदेह जताया है। लेकिन जब Delhi CM Rekha Gupta Statement सामने आया तो पूरा माहौल और गरमा गया। कांग्रेस पर यह आरोप नया नहीं है कि उसने 70 वर्षों तक सत्ता में बने रहने के लिए चुनाव प्रणाली (Indian Election System) का दुरुपयोग किया। लेकिन किसी भी बड़े नेता ने इस तरह खुलकर बयान देने की हिम्मत पहले नहीं की थी। रेखा गुप्ता का यह बयान सीधे तौर पर लोकतंत्र की विश्वसनीयता (Democracy in India) पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। अगर वास्तव में कांग्रेस ने EVM हैकिंग के जरिए सत्ता पाई, तो यह चुनाव आयोग (Election Commission of India) और पूरे लोकतांत्रिक ढांचे (Indian Democracy Structure) के लिए एक गंभीर खतरे की घंटी है।

कांग्रेस पर गंभीर आरोप: राजनीतिक हलचल तेज

इस बयान के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि यह सिर्फ़ राजनीतिक नौटंकी है। लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले कई दशकों से चुनाव परिणामों पर सवाल उठते रहे हैं। 2019 और 2024 के आम चुनावों (Indian General Elections) में भी EVM की पारदर्शिता (EVM Transparency) पर कई पार्टियों ने संदेह जताया था। अब जब Delhi CM Rekha Gupta on Congress का यह बयान NDTV पर प्रसारित हुआ, तो जनता के बीच बहस छिड़ गई है। क्या वाकई कांग्रेस ने लोकतांत्रिक व्यवस्था (Democratic Setup) के साथ छेड़छाड़ की? या यह केवल राजनीतिक रणनीति है?

इस विवाद ने एक बार फिर Voter Trust in Indian Democracy पर असर डाला है।

लोकतंत्र की साख और भविष्य का रास्ता

इस पूरे विवाद का सबसे बड़ा नुकसान जनता के भरोसे को हुआ है। लोकतंत्र जनता के विश्वास पर टिका होता है, लेकिन जब EVM Hack Allegations जैसी बातें सामने आती हैं तो लोगों का भरोसा कमजोर पड़ जाता है। जरूरी है कि चुनाव आयोग (ECI) और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर स्पष्टता लाएं और तकनीकी रूप से EVM सिस्टम को और मजबूत करें। Delhi CM Rekha Gupta’s Statement on EVM Hacking ने एक बार फिर चुनाव सुधार (Electoral Reforms in India) की आवश्यकता को उजागर किया है। अगर यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारतीय लोकतंत्र (Indian Democracy) के लिए सबसे बड़ा घोटाला होगा। वहीं, अगर यह केवल राजनीतिक बयानबाज़ी है, तो यह जनता को गुमराह करने का प्रयास है।

आखिरकार, लोकतंत्र की साख तभी बची रह सकती है जब चुनाव पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सुरक्षित हों।

निष्कर्ष: दिल्ली CM रेखा गुप्ता द्वारा EVM हैकिंग स्वीकारोक्ति

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह बयान भारतीय राजनीति में अब तक का सबसे चौंकाने वाला स्वीकार माना जा रहा है। उन्होंने न केवल कांग्रेस पर 70 सालों तक EVM हैकिंग (EVM Hacking in India) का आरोप लगाया, बल्कि यह भी कहा कि जब उनकी पार्टी पर यही आरोप लगता है, तो विरोधियों को परेशानी होती है। इस कथन को एक तरह से EVM Hack Acceptance by Delhi CM Rekha Gupta भी माना जा रहा है।

इस बयान ने लोकतांत्रिक व्यवस्था (Democracy in India) पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि सत्ता पक्ष की ओर से ही यह स्वीकारोक्ति आ रही है कि चुनाव प्रक्रिया में तकनीकी छेड़छाड़ संभव है, तो आम मतदाता के विश्वास (Voter Trust) पर इसका सीधा असर पड़ेगा। लोकतंत्र जनता की आस्था पर टिका होता है, और जब राजनीतिक दल स्वयं EVM हैकिंग की बात मान लें, तो चुनाव आयोग (Election Commission) और न्यायपालिका के लिए यह बेहद गंभीर चुनौती बन जाती है।

अब यह आवश्यक है कि चुनावी प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। रेखा गुप्ता का बयान केवल राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की नींव हिलाने वाली एक गंभीर स्वीकारोक्ति के रूप में इतिहास में दर्ज हो गया है।

Writer – Sita Sahay

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