भारत के “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी” ने एक बार फिर देशवासियों से “स्वदेशी अपनाओ” और “वोकल फॉर लोकल” को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की अपील की है। हाल ही में दिए गए भाषण में उन्होंने साफ कहा कि “आत्मनिर्भर भारत अभियान” तभी सफल होगा जब हम हर ख़रीदारी में “मेड इन इंडिया उत्पादों” को प्राथमिकता देंगे। “पाकिस्तान पर निशाना” साधते हुए मोदी ने यह भी कहा कि हमारी मेहनत की कमाई ऐसे देशों की ओर नहीं जानी चाहिए जो भारत के ख़िलाफ़ साज़िश करते हैं। उनका यह संदेश आर्थिक मजबूती के साथ-साथ “राष्ट्रीय सुरक्षा” से भी जुड़ा है।
“पीएम मोदी का भाषण” और “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा
“प्रधानमंत्री मोदी” ने स्पष्ट कहा कि “आत्मनिर्भर भारत अभियान” का मूल मंत्र है – “जो भी खरीदें, वह देश में बना हो।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे “मेड इन इंडिया उत्पादों” का उपयोग करें और “भारतीय ब्रांड्स” को बढ़ावा दें। मोदी के अनुसार, यदि हर नागरिक “स्वदेशी अपनाओ” की नीति पर चले तो न केवल “भारतीय अर्थव्यवस्था” मजबूत होगी बल्कि “मेक इन इंडिया अभियान” को भी नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि भारत अब विदेशी आयात पर निर्भर रहने के बजाय खुद उत्पादन और नवाचार में अग्रसर होना चाहता है।

“पाकिस्तान पर निशाना” और “राष्ट्रीय सुरक्षा” का संदेश
अपने भाषण में “प्रधानमंत्री मोदी” ने बिना नाम लिए “पाकिस्तान पर वार” किया। उन्होंने कहा कि हमारी मेहनत की कमाई उन देशों तक नहीं जानी चाहिए जो “भारत की सुरक्षा” और “राष्ट्रीय हितों” के खिलाफ काम करते हैं। यह बयान साफ तौर पर इस ओर इशारा करता है कि अब वक्त आ गया है जब भारतीय नागरिकों को “विदेशी उत्पादों” और खासकर “पाकिस्तान से जुड़े सामान” का पूरी तरह बहिष्कार करना चाहिए। मोदी ने इस संदेश को “आर्थिक राष्ट्रवाद” से जोड़ते हुए कहा कि जब लोग “वोकल फॉर लोकल” अपनाएँगे तो इससे “राष्ट्रीय सुरक्षा” भी मजबूत होगी और भारत “आत्मनिर्भरता” की ओर तेजी से बढ़ेगा।

“स्वदेशी अपनाओ” और “रोजगार सृजन”
“प्रधानमंत्री मोदी” का मानना है कि जब हम “स्वदेशी अपनाओ” की ओर बढ़ेंगे तो इससे सीधा फायदा देश के “किसानों”, “कारीगरों”, “मजदूरों” और “युवाओं” को मिलेगा। उन्होंने कहा कि “स्टार्टअप इंडिया” और “मेक इन इंडिया अभियान” जैसे कार्यक्रम तभी सफल होंगे जब उपभोक्ता खुद आगे बढ़कर “भारतीय उत्पादों” को प्राथमिकता देंगे। उदाहरण के लिए, यदि 140 करोड़ भारतीय रोज़मर्रा की छोटी से छोटी चीज़ भी “मेड इन इंडिया” खरीदेंगे तो यह करोड़ों रुपये भारतीय बाजार में ही घूमेगा और लाखों नए “रोजगार” के अवसर पैदा होंगे। यही असली ताकत है जो “भारतीय अर्थव्यवस्था” को और मज़बूत बनाएगी।

“उपभोक्ता की जिम्मेदारी” और “वोकल फॉर लोकल” का महत्व
मोदी ने उपभोक्ताओं को यह भी याद दिलाया कि उनकी हर खरीदारी का सीधा असर देश की “अर्थव्यवस्था” पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सिर्फ़ सस्ती कीमत देखकर न खरीदें बल्कि देखें कि वह “मेड इन इंडिया” है या नहीं। आज के समय में ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी आसानी से “भारतीय ब्रांड्स” उपलब्ध हैं। अगर हर नागरिक अपनी “जिम्मेदारी” समझकर “वोकल फॉर लोकल” अपनाएगा तो इससे न केवल “आत्मनिर्भर भारत अभियान” को ताकत मिलेगी बल्कि देश की “आर्थिक आज़ादी” भी सुनिश्चित होगी। यही वजह है कि मोदी लगातार “स्वदेशी अपनाओ” और “भारतीय उत्पादों” को बढ़ावा देने की अपील कर रहे हैं।

“आत्मनिर्भर भारत” और “सांस्कृतिक क्रांति”
“प्रधानमंत्री मोदी” का यह संदेश केवल आर्थिक सुधार का हिस्सा नहीं बल्कि एक “सांस्कृतिक क्रांति” भी है। जिस तरह आज़ादी की लड़ाई के समय “स्वदेशी आंदोलन” ने भारतीयों को एकजुट किया था, वैसे ही आज का “आत्मनिर्भर भारत अभियान” लोगों में आत्मगौरव और देशभक्ति की भावना जगा रहा है। जब नागरिक गर्व से “मेड इन इंडिया उत्पादों” का इस्तेमाल करेंगे तो भारत की “आर्थिक शक्ति” और भी मज़बूत होगी। साथ ही “पाकिस्तान पर निशाना” साधते हुए यह साफ संदेश जाएगा कि भारत अब पूरी तरह से “आत्मनिर्भर” है और उसे किसी बाहरी ताकत की आवश्यकता नहीं।

✅निष्कर्ष
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी” का यह आह्वान केवल एक राजनीतिक संदेश नहीं बल्कि एक “राष्ट्रीय संकल्प” है। यदि हर नागरिक “स्वदेशी अपनाओ”, “वोकल फॉर लोकल” और “मेड इन इंडिया” जैसे संकल्पों को अपने जीवन का हिस्सा बना ले तो भारत की “अर्थव्यवस्था” न सिर्फ़ मज़बूत होगी बल्कि दुनिया के सामने “आत्मनिर्भर भारत” की नई तस्वीर भी पेश होगी। “पाकिस्तान पर निशाना” साधते हुए मोदी ने साफ कर दिया है कि अब भारत का भविष्य केवल और केवल “स्वदेशी उत्पादों” और “भारतीय उद्योगों” से ही सुरक्षित होगा।
Writer – Sita Sahay











